दोहा - यश फैलाया जगत में,
धन से कारगा दान।
मन को राख्या एक घर,
दे दे अंकुश ज्ञान।।
दे दे अंकुश ज्ञान,
मान तज हरि गुण गाया।
काया कर कुर्बान,
ठिकाना आदू पाया।।
अजर अमर पद परषिया,
कर मन इन्द्रिय वश।
‘रामवक्ष’ सत्त लोक में,
फैला दिया यश।।
भजन - वीर पुरुष दुनियां में जन्म के,
कीर्ति करबा आया है।
धन धन माता पिता धन उनको,
जग में यश फैलाया है।।टेर।।
निश्चय अटल डिगे नहीं उनका,
भय और भ्रम भगाया है।
सूते पड़े अचेत नींद में,
जीवों को चेताया है।।1।।
वीर पुरुष दुनियां में जन्म के...
ना उनके संग नौकर चाकर,
ना उनके संग माया है।
ना उनके संग तोप तमंचा,
गम पिस्तौल चलाया है।।2।।
वीर पुरुष दुनियां में जन्म के...
हिम्मत हार हटे नहीं पीछे,
आगे कदम बढ़ाया है।
दुर्जन मार फतह कर सूता,
अटल खजाना पाया है।।3।।
वीर पुरुष दुनियां में जन्म के...
शील संतोष दया उर धीरज,
यह अपने दिल छाया है।
‘रामवक्ष’ करणा क्या बाकी,
साखी केवल काया है।।4।।
वीर पुरुष दुनियां में जन्म के...