भजन - भक्ति से भगवान भक्त के,
वश में हो गये आ कर के।
लूखे टुकड़े सूखे तन्दुल,
तृप्त हो गये खा करके।।टेर।।
भील सुता बदरी फल लाती,
जंगल में जा जा कर के।
दशन लगाकर चाख लिये,
यह भेंट चढ़ास्यूँ ठाकर के।।1।।
भक्ति से भगवान भक्त के...
नरसी भगत जगत में नामी,
कीर्ति करते गाकर के।
जोर शोर से भरियो मायरो,
संग भक्त के जाकर के।।2।।
भक्ति से भगवान भक्त के...
ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शूद्र,
हम देखा खूब पता कर करके।
बिना भाव भगवान् मिले नहीं,
वर्ण रहे शरमा करके।।3।।
भक्ति से भगवान भक्त के...
गुण और कर्म स्वभाव पवित्र,
पाया चित्त सफा करके।
‘रामवक्ष’ दीदार मस्त जो,
लीन्हाँ हरि रिझा करके।।4।।
भक्ति से भगवान भक्त के...
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