इस काया नगर के कोट में एक अजब भजन लिरिक्स

इस काया नगर के कोट में - रामवक्ष जी महाराज के भजन के आध्यात्मिक लिरिक्स

दोहा – दान यज्ञ अध्ययन तप, इन्द्रिय दमन सत् धर्म। सरलपना मन रखे, लगे न जगका कर्म।। लगे न जगका कर्म, स्वर्ग जाने का गेला। इन आठों के बीच, गुरु मुख हैं सो गेला।। जीव ईश परमात्मा, आप रूप भगवान। ‘रामवक्ष’ सब से बड़ा, अभय ज्ञान का दान।। भजन – इस काया नगर के कोट […]

error: Content is protected !!