नर तेरा क्या लागे मोल भजन लिरिक्स

नर तेरा क्या लागे मोल : मीठी वाणी और सच्चे व्यवहार का महत्व।

दोहा – बोली है अनमोल,जो कोई जाणे बोलहिये तराजू के,फिर मुख से बोल।। भजन – क्या लागत है मोल बोल,मुख निर्मल वाणी रे।मीठी भाषा सर्व सुने,जिन लगे सुहाणी रे ॥टेर॥ बोली ने तोली नहीं जहां तक,होवे हाणी रे।हंस खींचले सार,काक सो उल्टी ताणी रे॥1॥ नर तेरा क्या लागे मोल… निंदा झूठ कठोर गाल में,खींचाताणी रे।क्रोधी […]

जगत है स्वपने की सी बात भजन लिरिक्स

जगत है स्वपने की सी बात : जीवन के स्वप्नवत अस्थायित्व का चिंतन।

श्लोक – दुनियाँ में सब मिलत है, कर्मों के अनुसार। राई घटे न तिल बढ़े, यह हैं खास विचार।। यह हैं खास विचार, करे फल जैसा पावे। मूरख मूढ़ अजान, देख मन को ललचावे।। भरे अटूट भण्डार, कमी है क्या गुनियाँ में। ‘रामवक्ष’ कर मौज, भोज ज्यूँ इस दुनियाँ में।। भजन – जगत है स्वपने […]

धर्म रख मत बन बेईमान भजन लिरिक्स

यहाँ से तू कूँच करेगा: धर्म और सत्य की ओर प्रेरित करता भावपूर्ण भजन।

दोहा – धर्म करे जा धन छटा,भजे जा सरजनहार।ज्यांने यूं सगराम कहे,बार बार धिकार।। मात गेली का जाया,मात गेली का जाया।बलज्या सी तेरी देह,धरी रह जासी काया।।धर्म करे जा धन छटा,भजे जा सरजनहार।। भजन – यहाँ से तू कूँच करेगा,धर्म रख मत बन बेईमान।।टेर।। बड़े बड़े योद्धा पियाणा कीन्हा,लंकापति राजा रो दीन्हा।चित् में देख किता […]

काया म्हारी प्रीत करी पछताया भजन लिरिक्स

काया म्हारी प्रीत करी पछताया: जीवन के मोह और पाप का पश्चाताप।

भजन – काया म्हारी प्रीत करी पछताया,थोड़े दिन के जीने खातिर,केई पाप कमाया॥टेर॥ अन्न धन माल चौगुणा,लश्कर नारि पुत्र घर माया।देख देख इस जग की बातें,जीव घणा भ्रमाया॥1॥ काया म्हारी प्रीत करी पछताया… लालण पालण न्हाण धोण में,सारा समय बिताया।खान पीन और पान भोग में,स्मरण याद नहीं आया॥2॥ काया म्हारी प्रीत करी पछताया… काया जीव […]

सन्त आया मिजमानी रे भजन लिरिक्स

सन्त आया मिजमानी रे: सतगुरु के आगमन और उनकी महिमा का वर्णन।

श्लोक – ओम अक्षर ब्रह्म है,अगमन निगम दो साख।कर्म उपासन ज्ञान में,गावे श्रुतियां लाख।। गावे श्रुतियां लाख,शास्त्र पुराण जो सारा।वाणि अनन्त अपार,महा कवि कथ कथ हारा।। स्वर व्यंजन से परे,सोहम् सोहम् सोम्।‘रामवक्ष’ सदगुरू बिना,कौन लखावे ओम।। भजन – सन्त आया मिजमानी रे।भर गये पूर्ण भाव,चाव में चढ़ी दिवानी रे।।टेर।। घर ल्याया शील सन्तोष,मुक्त की दी […]

क्या जाने इसे ढपोल रे, पद पिंगल का भजन लिरिक्स

कांई जाने ढपोल पद पिंगल का बांका भंवरलाल भजनी धनकोली के भजन

श्लोक – राग व द्वेष असीमता,अविद्या अवनि वेश।सच्चिदानंद ब्रह्म है,जीव में पंच क्लेश।। जीव में पंच क्लेश,भरे है घट घट नाना।पार ब्रह्म है एक,जीव का कहां ठिकाना।। जगत बीच भटकत फिरे,ज्यों करकों में काग।जीव ईश के भेद में,‘रामवक्ष’ अनुराग।। भजन – क्या जाने इसे ढपोल रे,पद पिंगल का बांका है।। टेर।। घर घर गुरु और […]

सब मिल अर्ज करें भगवान भजन लिरिक्स

सब मिल अर्ज करें भगवान भजन के बोल, ध्यान और भक्ति के महत्व को दर्शाते हुए।

भजन – सब मिल अर्ज करें भगवान।सुना दो गीता जी का ज्ञान।। टेर।। तन सेवा में सफल करें,हम मन में राखें ध्यान।मुख से नाम जपें निशि वासर,जब तक घट में प्राण।।1।। सब मिल अर्ज करें भगवान… जाग्रत और स्वप्न यह दोनों,बिल्कुल एक समान।जो कुछ बीच हटा दो पर्दा,यह दे दो वरदान।।2।। सब मिल अर्ज करें […]

साधु भाई उमर का दिन थोड़ा भजन लिरिक्स

साधु भाई भजन लिरिक्स जीवन की अस्थायी प्रकृति और मोक्ष प्राप्ति के मार्ग को दर्शाता सतगुरु का संदेश

भजन – साधो भाई उमर का दिन थोड़ा।भया प्रभात भजन कर बंदा,मत कर याद मरयोड़ा।।टेर।। मृत्यु लोक मुसाफिर खाना,भूलगा कोल करयोड़ा।जन्म मरण का लेखा जोखा,सबके लार लाज्ञोड़ा।।1।। साधो भाई उमर का दिन थोड़ा… राई घटे बढ़े नहीं तिल भर,पड़े कर्म का फोड़ा।करगा काल कलेवा सबका,रहा न किस का जोड़ा।।2।। साधो भाई उमर का दिन थोड़ा… […]

संतों मैं अगम देश का वासी भजन लिरिक्स

संतों की सभा में गाए जाने वाला भजन जिसमें आत्मा के अमरत्व और गुरुमंत्र की महिमा का वर्णन है।

भजन – संतों मैं अगम देश का वासी।जन्म मरण मेरा नहीं होता,कौन जाय चौरासी।।टेर।। देखा खेल जगत का सारा,मन में भई उदासी।नुगरा जीव लखे नहीं महरम,कर परपंच थक जासी।।1।। संतों मैं अगम देश का वासी… गुरु देव का चरण पकड़ ले,सांचो भेद बतासी।तेरे जीव में शीव मिलादे,लागे देर जरा सी।।2।। संतों मैं अगम देश का […]

गाते हो किस का गीत, है पूर्ण भजन लिरिक्स

पूर्ण ब्रह्म के अद्वितीय और निर्गुण गाते हो किस का गीत भजन

श्लोक – काया में करतार है,सदगुरु बिना अंधेर।सात द्वीप नौ खंड में,देख लिया चौफेर।। देख लिया चौफेर,ईश्वर दर्शे नहीं तन में।सतगुरु मिल्या दलाल,प्रकट दिखलाया मन में।। घट घट व्यापक ब्रह्म,चेतन छाया में।‘रामवक्ष’ लख राम,देख निज काया में।। भजन – गाते हो किस का गीत,है पूर्ण ब्रह्म अकर्त्ता।।टेर।। पूर्ण ब्रह्म अवतार लिया नहीं,हाथ पांव और देह […]

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