भजन - साधो भाई उमर का दिन थोड़ा।
भया प्रभात भजन कर बंदा,
मत कर याद मरयोड़ा।।टेर।।
मृत्यु लोक मुसाफिर खाना,
भूलगा कोल करयोड़ा।
जन्म मरण का लेखा जोखा,
सबके लार लाज्ञोड़ा।।1।।
साधो भाई उमर का दिन थोड़ा...
राई घटे बढ़े नहीं तिल भर,
पड़े कर्म का फोड़ा।
करगा काल कलेवा सबका,
रहा न किस का जोड़ा।।2।।
साधो भाई उमर का दिन थोड़ा...
तीर्थ कर अवतारी ऊंचा,
अण पढ़ घणा पढ्योढ़ा।
गया अनन्त अन्त नहीं जिसका,
कर गया अपना दोड़ा।।3।।
साधो भाई उमर का दिन थोड़ा...
मानुष जन्म मोक्ष का मार्ग,
सतगुरु कर दिया चोड़ा।
‘रामवक्ष’ करोड़ों में कोई,
पहुंचे कमर कस्योड़ा।।4।।
साधो भाई उमर का दिन थोड़ा...
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