क्या जाने इसे ढपोल रे, पद पिंगल का भजन लिरिक्स

श्लोक – राग व द्वेष असीमता,अविद्या अवनि वेश।सच्चिदानंद ब्रह्म है,जीव में पंच क्लेश।। जीव में पंच क्लेश,भरे है घट घट नाना।पार ब्रह्म है एक,जीव का कहां ठिकाना।। जगत बीच भटकत फिरे,ज्यों करकों में काग।जीव ईश के भेद में,‘रामवक्ष’ अनुराग।। भजन – क्या जाने इसे ढपोल रे,पद पिंगल का बांका है।। टेर।। घर घर गुरु और […]
गाते हो किस का गीत, है पूर्ण भजन लिरिक्स

श्लोक – काया में करतार है,सदगुरु बिना अंधेर।सात द्वीप नौ खंड में,देख लिया चौफेर।। देख लिया चौफेर,ईश्वर दर्शे नहीं तन में।सतगुरु मिल्या दलाल,प्रकट दिखलाया मन में।। घट घट व्यापक ब्रह्म,चेतन छाया में।‘रामवक्ष’ लख राम,देख निज काया में।। भजन – गाते हो किस का गीत,है पूर्ण ब्रह्म अकर्त्ता।।टेर।। पूर्ण ब्रह्म अवतार लिया नहीं,हाथ पांव और देह […]
समझेगा कोई संत सुजाण भजन लिरिक्स

समझेगा कोई संत सुजाण,कहूँ निर्गुण पद की चरचा।।टेर।। तीन गुणों से निर्गुण न्यारा,आदि अंत मध्य के पारा।नभ से चले शब्द चौधारा,कहे वेद प्रमाण।पाया सत् गुरु से परचा।।1।। समझेगा कोई संत सुजाण,कहूँ निर्गुण पद की चरचा… भागा भेद भ्रमना टूटी,विरह दिवानी गुरुगम ऊठी।हरिजन चढ़ गये सैन अपूठी,आ गये जबर आपाण।सब कटा काल का खरचा।।2।। समझेगा कोई […]
सुनो तुम कान लगा के, भारत की भजन लिरिक्स

श्लोक – जननी जन के क्या किया, भार सहा नव मास।।भार सहा नव मास, सुघड़ नर सोना जैसा। घिस पिट कट तप रहा, फेर वैसा का वैसा।। ‘रामवक्ष’ इस लोक में, रहणी मोटा ज्ञान। देवों में सब से सिरे, करें ज्ञान का दान।। भजन – सुनो तुम कान लगा के, भारत की संतान।।टेर।। विद्या पढ़ो […]
हरिजन लागे प्यारे रे, मैं सतगुरु भजन लिरिक्स

श्लोक – गीता पढ़ ले भागवत पढ़ ले,पढ़ ले चारों वेद।सतगुरु का उपदेश बिना,मिटे न मन की खेद।। मिटे न मन की खेद,वेद चिकित्सा जाणे।पूरा करें निदान,दुवापा कर दे ठिकाणे।। मन मुखी कर गया ज्ञान,भोत ही रह गया रीता।‘रामवक्ष’ गुणी कहे,गुरु संग पढ़ ल्यो गीता।। भजन – हरिजन लागे प्यारा रे,मैं सतगुरु को दास,संत सिर […]
अब मैं ज्ञानी सतगुरु पाया भजन लिरिक्स

दोहा – दान यज्ञ अध्ययन तप,इन्द्रिय दमन सत् धर्म।सरलपना मन रखे,लगे न जग का कर्म।। लगे न जग का कर्म,स्वर्ग जाने का गेला।इन आठों के बीच,गुरु मुख हैं सो गेला।। जीव ईश परमात्मा,आप रूप भगवान।‘रामवक्ष’ सब से बड़ा,अभय ज्ञान का दान।। भजन – अब मैं ज्ञानी सतगुरु पाया,मेरा किया भ्रम सब दूर।।टेर।। श्रवण द्वार शब्द […]
साधो भाई सोहं धुन सुनाई तन भजन लिरिक्स

दोहा – दुनियाँ में गुनियाँ बहुत, कुछ देखा कुछ कान। कइयों में गुनियाँ बहुत, कई पढ़िया प्रमाण।। कई पढ़िया प्रमाण, एक से एक अगाड़ी। पीछे किया विचार, एक से एक पिछाड़ी।। इच्छा स्वरुपी पुष्प, हाथ अपने चुनियां में। ‘रामवक्ष’ भरपूर, कमी है क्या दुनियां में।। भजन – साधो भाई सोहं धुन सुनाई। तन का तम्बूर […]
अब हम निज घर डेरा दीना दीर्घ भजन लिरिक्स

भजन – अब हम निज घर डेरा दीना।दीर्घ से दीर्घ लघु से अति लघु,है झीने से झीना।।टेर।। वाणी वेद अर्थ कर हारे,इनसे बहुत कदीना।संख्या परे असंख अगोचर,अनुभव जिन लख लीना।।1।। अब हम निज घर डेरा दीना… शब्द स्पर्श रुप रसादि,पंच भूत गुण तीना।नव से अलग लोक से आगे,पाया अजब नगीना।।2।। अब हम निज घर डेरा […]
इस काया नगर के कोट में एक अजब भजन लिरिक्स

दोहा – दान यज्ञ अध्ययन तप, इन्द्रिय दमन सत् धर्म। सरलपना मन रखे, लगे न जगका कर्म।। लगे न जगका कर्म, स्वर्ग जाने का गेला। इन आठों के बीच, गुरु मुख हैं सो गेला।। जीव ईश परमात्मा, आप रूप भगवान। ‘रामवक्ष’ सब से बड़ा, अभय ज्ञान का दान।। भजन – इस काया नगर के कोट […]
साधो भाई सतगुरु भेद बताया कर भजन लिरिक्स

दोहा – पद पद में सम्पत्ति मिले,होत विपति का नाश।जिन सज्जनों के चित्त में,परोपकार प्रकाश।।परोपकार प्रकाश,तिरे कुल अपना त्यारे।एक बिंदी एक,नरक से स्वर्ग सिधारे।। मनुष जन्म की सफर,फेर आसी कद कद में।‘रामवक्ष’ हरि भक्त,भरी कीर्ति पद पद में।। भजन – कर सोझी खोजी से मिलिया,मौजी मन ठहराया।।टेर।। सूता जीव अज्ञान दिशा में,सतगुरु आन जगाया।कागा कर्म […]