संतों मैं अगम देश का वासी भजन लिरिक्स

संतों की सभा में गाए जाने वाला भजन जिसमें आत्मा के अमरत्व और गुरुमंत्र की महिमा का वर्णन है।

भजन – संतों मैं अगम देश का वासी।जन्म मरण मेरा नहीं होता,कौन जाय चौरासी।।टेर।। देखा खेल जगत का सारा,मन में भई उदासी।नुगरा जीव लखे नहीं महरम,कर परपंच थक जासी।।1।। संतों मैं अगम देश का वासी… गुरु देव का चरण पकड़ ले,सांचो भेद बतासी।तेरे जीव में शीव मिलादे,लागे देर जरा सी।।2।। संतों मैं अगम देश का […]

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