समझेगा कोई संत सुजाण भजन लिरिक्स

समझला सन्त सुजाण - सांगलिया धूणी का निर्गुण भजन
समझेगा कोई संत सुजाण,कहूँ निर्गुण पद की चरचा।।टेर।। तीन गुणों से निर्गुण न्यारा,आदि अंत मध्य के पारा।नभ से चले शब्द ...
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