तेरा बड़ा अचम्भा, कुदरत की भजन लिरिक्स

तेरा बड़ा अचम्भा,कुदरत की बलिहार।।टेर।। पृथ्वी कैसी फर्श बिछाई,तम्बू ताण दिये असमान।नक्षण करण योग और तारे,किस के सहारे अधर विमान।चंदा सूरज दीपक जोया,पंखों पवन चले बलवान।सागर भरे पड़े यहाँ जलके,कहाँ किनारे वे प्रमाण।अग्नि गर्म चमक बिजली की,कड़क अटपटी काँपे जहान।इंद्र गर्जे जोर शोर से,ना ना शब्द सुणीजे तान।अचरज खेल अगोचर लीला,माया अपरम्पार।।1।। तेरा बड़ा अचम्भा,कुदरत […]