मन रे ज्ञानी सतगुरु करणा भिन्न भजन लिरिक्स

मन रे ज्ञानी सद्गुरु करणा - रामदेव जी महाराज के भजन के आध्यात्मिक लिरिक्स

भजन – मन रे ज्ञानी सतगुरु करणा, भिन्न भिन्न करके अर्थ बतावे, निज दरसावे निरणा।।टेर।। मन रे ज्ञानी सतगुरु करणा… विद्यावान ध्यान उर पूरणा, जिनका लेणा शरणा। ब्रह्मनिष्ठ अनुभव विधि सूंपे, तेरु सिखावे तिरणा।।1।। मन रे ज्ञानी सतगुरु करणा… तन में तार अखंड धुन भरदे, मन में ठूंसे सुमरणा। गुरु मुख वचन सोहणा लागे, जैसे […]

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