अब हम निज घर डेरा दीना दीर्घ भजन लिरिक्स

भजन – अब हम निज घर डेरा दीना।दीर्घ से दीर्घ लघु से अति लघु,है झीने से झीना।।टेर।। वाणी वेद अर्थ कर हारे,इनसे बहुत कदीना।संख्या परे असंख अगोचर,अनुभव जिन लख लीना।।1।। अब हम निज घर डेरा दीना… शब्द स्पर्श रुप रसादि,पंच भूत गुण तीना।नव से अलग लोक से आगे,पाया अजब नगीना।।2।। अब हम निज घर डेरा […]