नर तेरा क्या लागे मोल भजन लिरिक्स

दोहा – बोली है अनमोल,जो कोई जाणे बोलहिये तराजू के,फिर मुख से बोल।। भजन – क्या लागत है मोल बोल,मुख निर्मल वाणी रे।मीठी भाषा सर्व सुने,जिन लगे सुहाणी रे ॥टेर॥ बोली ने तोली नहीं जहां तक,होवे हाणी रे।हंस खींचले सार,काक सो उल्टी ताणी रे॥1॥ नर तेरा क्या लागे मोल… निंदा झूठ कठोर गाल में,खींचाताणी रे।क्रोधी […]