कलयुग काम कला का साधो भजन लिरिक्स

रामवक्ष जी महाराज का भजन - "कलयुग काम कला का साधो" - सत्य और ज्ञान का मार्गदर्शन

भजन – कलयुग काम कला का साधो,सारी कला अक्ल से चाले,अण समझयां का हांका।।टेर।। ढ़ांचा एक रच्यां कुदरत ने,पीण्ड ब्रह्मण्ड है तांका।कौन बतावे किसको मालूम,कहां है इसका नाका।।1।। कलयुग काम कला का साधो,सारी कला अक्ल से चाले… चेतन अटल सर्व घट पूर्ण,चहुं दिश फैली शाखा।रैण दिवस तारा गण बिजली,देख्यां अजब झबाका।।2।। कलयुग काम कला का […]

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