जगत है स्वपने की सी बात भजन लिरिक्स

श्लोक – दुनियाँ में सब मिलत है, कर्मों के अनुसार। राई घटे न तिल बढ़े, यह हैं खास विचार।। यह हैं खास विचार, करे फल जैसा पावे। मूरख मूढ़ अजान, देख मन को ललचावे।। भरे अटूट भण्डार, कमी है क्या गुनियाँ में। ‘रामवक्ष’ कर मौज, भोज ज्यूँ इस दुनियाँ में।। भजन – जगत है स्वपने […]