जगत है स्वपने की सी बात भजन लिरिक्स

जगत है स्वपने की सी बात : जीवन के स्वप्नवत अस्थायित्व का चिंतन।
श्लोक – दुनियाँ में सब मिलत है, कर्मों के अनुसार। राई घटे न तिल बढ़े, यह हैं खास विचार।। यह ...
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