हंसला पींजर भयो पुराणो अंत भजन लिरिक्स

दोहा – सत् संगत संसार में, भव तिरने की नाव। खेवटिया गुरू देव है, जिसके शरणे आव।। जिसके शरणे आव, पकड़ भव पार उतारे। करे न पल भर देर, जीव को तुरन्त उबारे।। अजर अमर पद परस दे, कौवा हंस होवत्। ‘रामवक्ष’ इस लोक में, सत् की संगत है सत्।। भजन – हंसला पींजर भयो […]