बेजो म्हारो, रणुकार में चाले हेत भजन लिरिक्स

दोहा – दुनियाँ में सब मिलत है, कर्मों के अनुसार। राई घटे न तिल बढ़े, यह है खास विचार।। यह हैं खास विचार, करे जैसा फल पावे। मूरख मूढ़ अजान, देख मन को ललचावे।। भरे अटूट भण्डार, कमी है क्या दुनियाँ में। ‘रामवक्ष’ कर मौज, भोज ज्यूँ इस दुनियाँ में।। भजन – बेजो म्हारो, रणुकार […]