अब मैं ज्ञानी सतगुरु पाया भजन लिरिक्स

दोहा – दान यज्ञ अध्ययन तप,इन्द्रिय दमन सत् धर्म।सरलपना मन रखे,लगे न जग का कर्म।। लगे न जग का कर्म,स्वर्ग जाने का गेला।इन आठों के बीच,गुरु मुख हैं सो गेला।। जीव ईश परमात्मा,आप रूप भगवान।‘रामवक्ष’ सब से बड़ा,अभय ज्ञान का दान।। भजन – अब मैं ज्ञानी सतगुरु पाया,मेरा किया भ्रम सब दूर।।टेर।। श्रवण द्वार शब्द […]