सन्त आया मिजमानी रे भजन लिरिक्स

श्लोक – ओम अक्षर ब्रह्म है,अगमन निगम दो साख।कर्म उपासन ज्ञान में,गावे श्रुतियां लाख।। गावे श्रुतियां लाख,शास्त्र पुराण जो सारा।वाणि अनन्त अपार,महा कवि कथ कथ हारा।। स्वर व्यंजन से परे,सोहम् सोहम् सोम्।‘रामवक्ष’ सदगुरू बिना,कौन लखावे ओम।। भजन – सन्त आया मिजमानी रे।भर गये पूर्ण भाव,चाव में चढ़ी दिवानी रे।।टेर।। घर ल्याया शील सन्तोष,मुक्त की दी […]