गाते हो किस का गीत, है पूर्ण भजन लिरिक्स

पूर्ण ब्रह्म के अद्वितीय और निर्गुण गाते हो किस का गीत भजन

श्लोक – काया में करतार है,सदगुरु बिना अंधेर।सात द्वीप नौ खंड में,देख लिया चौफेर।। देख लिया चौफेर,ईश्वर दर्शे नहीं तन में।सतगुरु मिल्या दलाल,प्रकट दिखलाया मन में।। घट घट व्यापक ब्रह्म,चेतन छाया में।‘रामवक्ष’ लख राम,देख निज काया में।। भजन – गाते हो किस का गीत,है पूर्ण ब्रह्म अकर्त्ता।।टेर।। पूर्ण ब्रह्म अवतार लिया नहीं,हाथ पांव और देह […]

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