रहेगा ना काना छाना नागण भजन लिरिक्स

नाग को जगाय दे - भजन में सांप और भक्त के साहस की कथा

श्लोक – भगत बीज पलटे नहीं, जो जुग जाय अनंत। ऊँच नीच घर अवतरे, रहे संत का संत।। भजन – रहेगा ना काना छाना, नाग को जगाय दे।।टेर।। जमुना में गेंद चाली, नाग फांस बीच घाली। जाऊंगा ना पीछे खाली, गेंद मुझे लाय दे।।1।। रहेगा ना काना छाना, नाग को जगाय दे… नागण बोली सुनो […]

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