कलह कल्पना दुतिया भागे तुरन्त भजन लिरिक्स

दोहा – आज कहे मैं कल करुं, कल कहे मैं कल। आज काल के बीच में, तेरी समय जायेगी चल।। कहे दास सगराम, दरगड़े घालो घोड़ा। राम राम कर रात-दिन, बाकी दिन रहिया है थोड़ा।। थोड़ा दिन बाकी रहिया, कद पूगो ला ठेठ। अध बीच ले पासे रहिया, किनके पड़ स्यो पेट।। किनके पड़ स्यो […]
करले राम भजन से हेत मूरख भजन लिरिक्स

दोहा – ओम अक्षर ब्रह्म है,अगमन निगम दो साख।कर्म उपासन ज्ञान में,गावे श्रुतियां लाख।।गावे श्रुतियां लाख,शास्त्र पुराण जो सारा।वाणि अनन्त अपार,महा कवि कथ कथ हारा।। स्वर व्यंजन से परे,सोहम् सोहम् सोम्।‘रामवक्ष’ सदगुरु बिना,कौन लखावे ओम।।1।। राम नाम की तार लगी,मत तोड़ रे।झूंठी विद्या छोड़,सांच ने जोड़ रे।।सत्य साहेब का नाम,झूंठी आ खोड़ रे।अरे हां ‘ईसर’ […]