दोहा - बोली है अनमोल,
जो कोई जाणे बोल
हिये तराजू के,
फिर मुख से बोल।।
भजन - क्या लागत है मोल बोल,
मुख निर्मल वाणी रे।
मीठी भाषा सर्व सुने,
जिन लगे सुहाणी रे ॥टेर॥
बोली ने तोली नहीं जहां तक,
होवे हाणी रे।
हंस खींचले सार,
काक सो उल्टी ताणी रे॥1॥
नर तेरा क्या लागे मोल...
निंदा झूठ कठोर गाल में,
खींचाताणी रे।
क्रोधी विरोधी बने न सज्जन,
है नादानी रे॥2॥
नर तेरा क्या लागे मोल...
मन में धीरज धर हृदय,
पूरा सो मानी रे।
नहीं लागे कुछ माल,
बनों वचनों का दानी रे॥3॥
नर तेरा क्या लागे मोल...
तन से मन से धन से,
कर दे दूर गिलानी रे।
रामवक्ष इस दिल में देखो,
दिलबर जानी रे॥4॥
नर तेरा क्या लागे मोल...
Post Views: 302
Tagged nar tera kya lage mol
Very good blog post. I definitely love this site.
Thanks!
Visit my website; is it legal to carry a blackjack (Haley)