भजन - साधो भाई तत्त्व रेल चलाई।
रहणी करणी की लेन धरण पर,
जब घन्नाटे आई।।टेर।।
काया गाड़ी बनी युक्ति से,
तीन पांच से थाई।
सातों धातु जड़िया गाड़ी में,
भूल न राखी राई।।1।।
साधो भाई तत्त्व रेल चलाई...
इंजन गैस लगो युक्ति से,
गुरु गम सीटी लगाई।
पाप कपट का जला कोयला,
ममता धुआं मिटाई।।2।।
साधो भाई तत्त्व रेल चलाई...
ओहं सोहं का डब्बा जोड़ा,
स्मरण टिकट कटाई।
जत सत के पाटों पर बैठा,
उनमुन लगन लगाई।।3।।
साधो भाई तत्त्व रेल चलाई...
शब्द मोड़ सत कसिया बोल्टू,
तब सब कल भनकाई।
मेरु डंड पट चक्कर छेदा,
औघट घाट लंघाई।।4।।
साधो भाई तत्त्व रेल चलाई...
ब्रह्म प्रकाश रोशनी लागी,
भ्रम गया सुध आई।
आगे स्टेशन त्रिकुंटी,
गम सिगनल ठहराई।।5।।
साधो भाई तत्त्व रेल चलाई...
सतगुरु देव पास कर दीन्हों,
अटक खटक कुछ नहीं।
‘रामवक्ष’ आदू घर पहुँचे,
इस गाड़ी के माहीं।।6।।
साधो भाई तत्त्व रेल चलाई...
Thanks for sharing. I read many of your blog posts, cool, your blog is very good.